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कुर्बानी की दुआ और कुर्बानी करने का सही तरीका – Qurbani ki Dua

qurbani ki dua

परिचय:-

दोस्तों इस ईद उल अजहा अगर आप अल्लाह की राह में एक जानवर कुर्बान करना चाह रहे हो तो हम आपको कुर्बानी से पहले की दुआ (qurbani ki dua) और कुर्बानी का तरीका रसूल ए खुदा ﷺ की सुन्नत के मुताबिक बताने जा रहें है, अगर आप कुरबानी खुद अपनी और अपने घर की तरफ से कर रहे हो तो इसकी दुआ अलग होगी और अगर आप किसी और की तरफ से कुरबानी कर रहे हो तो भी दुआ अलग होगी और मैं आपको दोनो दुआएं बताने वाला हूं।

कुर्बानी की दुआ (खुद के लिए):-

👉 अरबी में:

بِسْمِ اللَّهِ وَاللَّهُ أَكْبَرُ. اللَّهُمَّ هَذَا مِنْكَ وَلَكَ هَذَا عَنِّي

👉 English में:

Bismillahi Wallahu Akbar, Allahumma Haza Minka wa Laka, Haza Anni.

👉 हिंदी में:

बिस्मिल्लाही वल्लाहु अकबर, अल्लाहुम्मा हाजा मिनका व लका, हाजा अन्नी,

👉 तर्जुमा:

अल्लाह के नाम से शुरू, अल्लाह सबसे बड़ा है, या अल्लाह ये (जानवर) तेरी तरफ से है और तेरे वास्ते ही है, ये (कुरबानी) मेरी तरफ से।

कुर्बानी की दुआ (किसी ओर के लिए):-

👉 अरबी में:

بِسْمِ اللَّهِ وَاللَّهُ أَكْبَرُ. اللَّهُمَّ هَذَا مِنْكَ وَلَكَ هَذَا عَنِّي اللَّهُمَّ تَقَبَّلْ مِنْ (فُلاَنٍ) وَآلِ (فُلاَنٍ)

👉 English में:

Bismillahi wallahu Akbar, Allahumma haza minka wa laka, haza anni, Allahumma taqabbal min (fulani) wa aali (fulan).

👉 हिंदी में:

बिस्मिल्लाही वल्लाहु अकबर अल्लाहुम्मा हाजा मिनका व लका हाजा अन्नी, अल्लाहुम्मा तकब्बल मीन (फुलानी) व आली (फुलान),

👉 तर्जुमा:

अल्लाह के नाम से शुरू, अल्लाह सबसे बड़ा है, या अल्लाह ये (जानवर) तेरी तरफ से है और तेरे वास्ते ही है, या अल्लाह कुबूल कर इस कुरबानी को (फुलान) की तरफ से और (फुलान) के परिवार की तरफ से,

दोस्तों याद रहे इस दुआ में जहां जहां फुलान लफ्ज आया है उस जगह उस इंसान का नाम लेना है जिसकी तरफ से आप कुरबानी कर रहें है।

कुर्बानी कैसे करें?

ईद उल अजहा की नमाज के बाद आप जिस भी जानवर की कुर्बानी करना चाहते है उसे सबसे पहले अच्छी तरह खिला और पीला लें, याद रहे कुरबानी का जानवर बीमार या भूख से कमजोर नही होना चाहिए, अब सबसे पहले अपना चाकू अच्छी तरह से तेज कर लें, क्योंकि चाकू तेज होगा तो जानवर को ज्यादा तकलीफ नही होगी और याद रहे चाकू जानवर के सामने तेज नही करना है,

अब जिस भी जानवर को कुर्बान करना है उसके चारो पैर पकड़ कर उसको जमीन पे लेटा दिया जाए, और जानवर को इस तरह लेटाए के उसका मुंह काबे की ओर हो, अगर कुरबानी आप खुद कर रहे है तो चाकू उठा कर सबसे पहले कुर्बानी की दुआ जो ऊपर बताई गई है उसे पढ़ ले, लेकिन अगर कुरबानी कसाई कर रहा है तो कसाई और आप दोनो को दुआ पढ़नी है, फिर चाकू से जानवर गर्दन वो रग जिससे खून दिमाग की ओर जाता है उसे तेजी से काटना है,

याद रहे जानवर की पूरी गर्दन नही काट देना क्योंकि अगर उसकी पूरी गर्दन एक साथ काट दी गई तो उसका पूरा जिस्म तुरंत ठंडा हो जायेगा और जिस्म का खून बाहर नही निकलेगा,बहता हुआ खून हराम है इसलिए जानवर को इस तरह काटा जाए के जिससे उसका सारा खून निकल जाने तक जानवर में जान बाकी हो, जब सारा खून निकल जाए और जिस्म ठंडा पड़ जाए तो आप तुरंत जानवर के तीन हिस्से करवा लीजिए एक खुद के लिए दूसरा अपने करीबी रिश्तेदारों के लिए और तीसरा गरीबों के लिए, एक बात और याद रहे की एक जानवर की कुरबानी किसी दूसरे जानवर के सामने ना की जाए इसलिए कुर्बानी के वक्त दूसरे जानवरों को कुरबानी के जानवर से दूर कर दे।

कुर्बानी से मुतल्लिक जरूरी बातें:-

  • कुर्बानी 3 दिनों तक की जा सकती है यानी की ईद की नमाज के बाद से 13 जुल हिज्जा की मगरिब की नमाज से पहले तक।
  • कुर्बानी करना फर्ज नही वाजिब है और सिर्फ उन लोगो पर वाजिब है जो की साहेब ए निसाब हो यानी की अफोर्ड कर सकते हो।
  • कुर्बानी अगर बकरे की है तो सिर्फ एक ही होगी, लेकिन अगर भेंस की है तो सात लोग हिस्से में कर सकते है।
  • कुर्बानी की उम्र भेड़ के लिए 6 महीना, बकरे के लिए 1 साल और भेंस के लिए 2 साल होगी इससे कम उम्र का जानवर जबाह करना मना है।
  • कुर्बानी के जानवर में किसी तरह की कमी न हो, जैसे की अंधा लंगड़ा जानवर या फिर जानवर का कान कटा हो।

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