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परिचय ::-
दोस्तों, हमारा इस्लाम एक ऐसा दीन है जो की इंसान की जिंदगी के हर पहलू पर उसकी रहनुमाई करता है, खाने पीने से लेकर सोने और उठने तक, निकाह से लेकर हमबिस्तरी तक, तो हम आपको आज हमबिस्तरी के वक्त कोनसी दुआ (Humbistari ki Dua) पढ़नी चाहिए ये बताएंगे।
हमबिस्तरी की दुआ - Humbistari ki Dua ::-
Arabic :-
بِسمِ اللهِ اللهُمَّ جَنِّبْنَا الشَّيْطَانَ، وَ جَيْبِ الشَّيْطَانَ مَا رَزَقْتَنَا
English :-
Bismillahi, Allahumma jannibnash shaitana, wa jannibish shaitana ma razaqtana.
हिंदी :-
बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा जन्निब्नश्शैताना व जन्निबिशैताना मा रज़कतना।
तर्जुमा :-
शुरू अल्लाह के नाम से, या अल्लाह हमें शैतान से दूर रख और शैतान को दूर रख उस से भी जो तू हमें अता करे (यानी औलाद)।
हदीस का हवाला - reference of Hadith ::-
हजरत इब्न अब्बास रिवायत करते है की,
अल्लाह के रसूल ﷺ ने फरमाया, की अगर तुम में से कोई चाहे के वो अपनी बीवी के साथ हमबिस्तरी करे तो वो शख्स ये दुआ पढ़ ले, “बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा जन्निब्नश्शैताना व जन्निबिशैताना मा रज़कतना”, इस से अगर उन दोनो की तकदीर में औलाद हुई तो शैतान उसे कभी भी नुकसान न पहुंचा पाएगा।
TosifAli Saiyed
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